24
May
सिर्फ और सिर्फ आंसू है यह मेरे!
बिन बुलाए चले आते हैं – दुख में भी, सुख में भी! रहते हैं आंखों के सामने नहीं, आंखों में ही! सपने बनके नहीं, अपने बनके!
कोई और नहीं, कुछ और नहींl सिर्फ और सिर्फ आंसू है यह मेरे!
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